
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, रावण के 10 सर थे। उन 10 सिरों का पौराणिक कथाओं में कुछ ऐसा महत्त्व दर्शाया गया है के जिसके अनुसार उसका हर एक सर एक एक बुराई को दर्शाता है और उसका संकेत है। जैसे – काम (lust), क्रोध (anger), मोह (delusion), लोभ (greed), घमंड (pride), जलन (envy), मानस (mind), बुद्धि (intellect), चित्त (will) और अहंकार (ego)।
परन्तु जब मैं एक नहीं अपितु सारे धर्मो को एक साथ देखती हूँ, तो मुझे यह ज्ञात होता है के हर धर्म की कहानी कहीं न कहीं हमें यह संकेत देती है के हमें अपना जीवन किस तरह से जीना चाहिए और इन् कहानियों का शायद सबसे बड़ा महत्त्व यही है के हमें यह समझना चाहिए और सारे देवी-देवताओं की कहानियो और किस्सों से यह प्रेरणा लेनी चाहिए के जीवन में किसी भी तरह की परेशानी आये तो उनसे हार नहीं मान कर कैसे अपना जीवन जीना है।
जैसे के मुस्लिम धर्म में इमाम हुसैन की कहानी सब जानते हैं। कर्बला का जो वाक़िया था, उससे हमें कई बातें सीखने मिली जैसे – “बुराई के सामने हार नहीं मानना और चाहे जितना भी मुश्किल क्यों न हो , अपने उसूलों को कभी भूलना नहीं चाहिये।”
इसी तरह भगवन राम की कहानी हमें सिखाती है “बुराई पर अच्छाई की जीत होना कितना आवश्यक है। “
भगवन कृष्णा हमें सिखाते हैं ,” समाज की बुराइयों से लड़ने के लिए हमेशा शास्त्र उठाना ज़रूरी नहीं होता। “
भगवन गणेश की कहानी हमें जीवन में माता-पिता की इज़्ज़त करना और हर हाल में उनकी आज्ञा का पालन करना सिखाती है।
इसी तरह बोहोत साड़ी कहानियां हैं जिनका असल ज़िन्दगी में बोहोत महत्त्व होता है।
परन्तु हम आज कल केवल इन कहानियो को पौराणिक कथाओं की तरह याद रखते हैं और इनका उपयोग या इनका पालन असल ज़िन्दगी में कैसे करना है , यह भूल जाते हैं।
आज कल हम अपने उसूलों को तो मानो बिलकुल भूल ही चुके हैं। बल्कि कुछ लोग तो साफ़ साफ शब्दों में यह कहते पाए जाते हैं के उनके कुछ उसूल हैं ही नहीं।
इन कहानियों को सच मानते ही नहीं है। लेकिन हमें कुछ भी करने से पहले यह ज्ञान होना ज़रूरी है के हम इंसान हैं। हमारे कुछ मानने या नहीं मानने से कुछ बदल नहीं जाएगा। जैसे कुछ लोग कहते हैं, हम भगवान् में नहीं मानते। ठीक है आप नहीं मानते लेकिन इसका अर्थ यह नहीं हैं के भगवान् में मानने वाले बाकी सब लोग पिछड़े हुए हैं। क्यूंकि भगवान् है यह बात सच है।
इसी तरह, कोई इन किस्सों में यकीन रखे या न रखे , यह किस्से मात्र किस्से कहानियां नहीं है। इसलिए अगर आप में से कोई ऐसा है जो इन किस्सों को सच नहीं भी मानता, तो भी इन् कहानियो के पीछे की सीख क्या है, कम से कम वो समझना ज़रूरी है। हम इन सीखों को यह कह कर नज़र-अंदाज़ कर ले के हम इन सब में नहीं मानते, वह गलत है। क्यूंकि इन् सारी मान्यताओं के पीछे जो सीख छुपी है, वो सीख हमें एक सफल ज़िन्दगी की ओर ले जाती है।
मैं यह नहीं कहती के हर परिस्थिति के लिए एक कहानी बानी हुई है , लेकिन उन् परिस्थितियों में हमें कैसे जीना है और कैसे जीतना है, उसकी सीख ज़रूर कहीं कहीं इन किस्सों में मिल सकती है।
आज के इस तेज़ चलने वाले समाज में, जब सभी लोग western culture को ज़्यादा श्रेष्ठ मानते हैं, क्या कभी किसीने यह सोचा है के हम आज किस तरह की दुनिया का हिस्सा हैं ?
एक वक़्त था जब चारो दिशाओं में, जहाँ भी देखो वहां एक नयी इमारत कड़ी हुई नज़र आती थी। तेज़ी से पेड़ पौधे सब गायब होते गए और उनकी जगह लम्बी बड़ी इमारतों ने ले l। क्यूंकि हम advanced बनना चाहते थे। परन्तु आज, वृक्ष-रोपण तूल पकड़ रहा है क्यूंकि जैसे जैसे समय बीता, लोगो को इनके महत्त्व का एहसास हुआ। इसी तरह, हम अपना पूरा जीवन आँखें मूँद कर यह सोच के गुज़ार सकते हैं के हमें सब पता है , परन्तु कभी भी किसीको भी सब कुछ पता नहीं हो सकता। कभी न कभी हम गलती ज़रूर करते हैं। और इन् पौराणिक कथाओं में यही बताया गया है के कैसे हम ऐसे गलतियों को करने से बच सकते हैं। लेकिन हमें यह बात का एहसास बोहोत देर से होता है।
आज के मेरे इस आर्टिकल का उपलक्ष्य यही समझाना है के हमें हर कहानी से, चाहे वो कितनी भी पुराणी या किसी भी धर्म की हो, कुछ न कुछ ज़रूर सीखना चाहिए। मैं धार्मिक गुरुओं का पक्ष नहीं लेती, लेकिन अगर किसीको भी अगर इन बातों का थोड़ा सा भी ज्ञान है, तो हमें उनसे ज़रूर कुछ सीखना चाहिए। तो क्या हो गया अगर हमें उनका कहा हुआ सब कुछ समझ में नहीं आता? कौन कहता है के उनकीकही हुई एक-एक बात का पालन करो ? परन्तु मेरा यह मानना है के वो बातें ज़रूर सुन्नी चाहिए जिनमे से हम कुछ अच्छी सीख प्राप्त कर सके।
वाह 👌
LikeLike